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📢 चुनाव आयोग का अत्यंत महत्वपूर्ण निर्देश जारी
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 1 अगस्त 2025 से देशव्यापी मतदाता सत्यापन अभियान की शुरुआत की जा रही है। इस अभियान के अंतर्गत चुनाव अधिकारी घर-घर जाकर प्रत्येक मतदाता की पहचान और पते का भौतिक सत्यापन करेंगे।
🚨 क्या होगा यदि मतदाता पंजीकृत पते पर नहीं पाया गया?
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यदि कोई मतदाता अपने दर्ज पते पर निवासरत नहीं पाया जाता है, और
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वहाँ वर्तमान में रहने वाला व्यक्ति (परिवार सदस्य भी शामिल) मतदाता के नाम पर वैध पते का कोई प्रमाण प्रस्तुत करने में असमर्थ रहता है,
👉 तो उस व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा तथा उसका वोटर कार्ड अमान्य घोषित कर दिया जाएगा।
✅ पते के प्रमाण के लिए मान्य दस्तावेज
(दस्तावेज़ मतदाता के स्वयं के नाम पर होना अनिवार्य है – नीचे में से कोई भी एक):
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बिजली बिल
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संपत्ति कर / हाउस टैक्स बिल
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गैस कनेक्शन बिल
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बैंक पासबुक
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आधार कार्ड
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पासपोर्ट
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ड्राइविंग लाइसेंस
🔁 एक व्यक्ति, एक स्थान – दोहराव की अनुमति नहीं
यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक स्थानों पर मतदाता के रूप में दर्ज पाया जाता है:
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तो उसे केवल एक स्थान का चयन करने का विकल्प दिया जाएगा,
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यदि वह समयसीमा में विकल्प नहीं चुनता है, तो उसका नाम सभी स्थानों से रद्द कर दिया जाएगा।
👉 अब कोई भी मतदाता दो शहरों, दो क्षेत्रों या दो राज्यों में एक साथ वोटर कार्ड नहीं रख सकता।
🎯 अभियान का उद्देश्य:
इस प्रक्रिया का लक्ष्य है –
🔹 मतदाता सूची को अद्यतन करना,
🔹 फर्जी, दोहराव या निष्क्रिय नामों को हटाना,
🔹 और स्वच्छ एवं पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करना।
👥 इस अभियान से कौन प्रभावित हो सकता है?
यह सत्यापन अभियान अनुमानतः देश के 20-25% मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है – विशेष रूप से वे:
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जिन्होंने अपने वोटर कार्ड को आधार से लिंक नहीं किया है
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जो विवाह या स्थानांतरण के कारण पता बदल चुके हैं
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जो किराए पर रहते हैं या हाल में घर बदला है
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जिनका नाम ग्रामीण और शहरी दोनों स्थानों पर दर्ज है
📢 सभी मतदाताओं से अनुरोध है कि वे अपने दस्तावेज तैयार रखें और चुनाव अधिकारियों को पूर्ण सहयोग प्रदान करें, ताकि आपका नाम सुरक्षित रूप से मतदाता सूची में बना रहे।

